US फेड की कमेंट्री से मार्केट पर क्या होगा असर, जानें मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा से
फेडेरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. अमेरिका में ब्याज दरें 2022 तक शून्य फीसदी के करीब रहेंगी.
US Fed ने कहा है कि फरवरी से लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए. इन नौकरियां पाने में कई साल लग जाएंगे.
US Fed ने कहा है कि फरवरी से लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए. इन नौकरियां पाने में कई साल लग जाएंगे.
अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेड रिजर्व (US Federal Reserve) ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था के बारे में कल अपना अनुमान जारी करते हुए यूएस अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.5 फीसदी संकुचित यानी माइनस में होगी और बेरोजगारी की दर साल के अंत तक 9.3 फीसदी रहेगी.
फेडेरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. अमेरिका में ब्याज दरें 2022 तक शून्य फीसदी के करीब रहेंगी.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने आंकड़े रखते हुए कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किए गए शटडाउन, पाबांदियों और अन्य उपायों का असर आने वाले वर्षों तक देखा जाएगा.
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फेडेरल रिजर्व ने कहा है कि फरवरी से लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए. और इन नौकरियां पाने में कई साल लग जाएंगे. फेडेरल रिजर्व का सबसे बड़ा मकसद जॉब मार्केट को वापस पटरी पर लाकर पिछले वर्ष के अंत के स्तर पर लाना है.
फेड के नतीजों पर मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा बताते हैं कि फेड की इस कमेंट्री का मतलब क्या है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) June 11, 2020
अजय बग्गा बताते हैं कि फेड ने 2022 तक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि फेड ने कहा है कि हम सोच भी नहीं रहे हैं कि ब्याज दरें बढ़ाने के बारे में सोचें. जो भी अर्थव्यवस्था को जरूरत है, वह हम करने के लिए तैयार हैं. हर किसी भी हाल में अर्थव्यवस्था को गिरने नहीं देंगे.
अर्थव्यवस्था में ग्रोथ को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर भरोसा करें या फेड पर क्योंकि ट्रंप कह रहे हैं कि ग्रोथ आ रही है और फेड कह रहा है कि ग्रोथ कहीं नहीं है.
इस पर अजय बग्गा कहते हैं कि भरोसा तो हमें फेड पर ही करना है, क्योंकि आकंडे तो उसी के पास हैं. फेड ने कहा है कि 2 करोड़ लोगों की नौकरी परमनेंट तौर पर खत्म हो गई हैं.
अजय बग्गा के मुताबिक, 2008 के बाद की मंदी के बाद 12 सालों में एक-सवा करोड़ नई नौकरियां तैयार हुई थीं. ऐसे में जब इतनी नौकरियां गई हैं तो उन्हें वापस आने से बहुत समय लगेगा.
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फेड ने अब अर्थव्यवस्था को गति देने की जिम्मेदारी वहां की संसद पर डाल दी है कि इसमें वहां की सरकार मदद करे.
बाजार में पैसे डालने की बात पर फेड का कहना है कि वह मार्केट को देखकर पैसे नहीं डालता, बल्कि अर्थव्यवस्था में ग्रोथ बनी रहे, महंगाई दर काबू में रहे और बेरोजगारी कम से कम रहे. इसलिए स्टिमुलस डाला जाता है.
- 2020 में ग्रोथ रेट -6.5 परसेंट रहने का अनुमान
- फेड ने ब्याज दरों में बदलाव से इनकार किया है.
- 2022 में जीडीपी 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
- फरवरी में 2 करोड़ परमानेंट नौकरियां खत्म हुई हैं.
- 2008 की मंदी में 1.25 करोड़ नौकरी तैयार करने में 12 साल लगे.
04:53 PM IST